Dharmik

Sheshnath Stuti

!! शेषनाथ स्तुती !!

शेषनाथ  यती ब्रह्म रूपा /
तपो निधी लावण्य अमुपा//
दयासागरा भवदुःख हरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था/
 मज कोण तारी //१//
चंदन उटी पूर्ण भाळी/
नयनी रविचंद्र उजळी//
निजभक्त चिंता हरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//२//
शांत मुद्रा अंगी तेजविलतसे/
आहार त्याजन वागसी वेडेपिसे//
आचलनाथा गारगोटी अंगिकारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//३//
 जीवांशिवांची जडली समाधी
/प्रपंची विटला तुटली उपाधी//
राधा पती शेषनाथ ब्रह्मचारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//४//
तयांचा खेद न उमटे मज यतार्थ/
अनाथाच्या नाथा ऐसे मजकरी//
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//५//
तुच गुरु मातापिता कुलदेवता /
कर्माकर्मी अकर्ता म्हणून पूज्यता//
तुम्हीच सकलाठायी सर्वदा सर्वकारकारीन /
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//६//
तव रूप न उमजले कवणासी/
भक्तपणे तूच पुजा करिसी//
तूच पुजा घेसी देवपणे सत्वरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//७//
दगडूजींचा देखणी भक्तीप्रेम/
राजयोगी दिर्घायुषी पुत्र सर्वोत्तम//
देवून भक्त दुःख हारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//८//
 सत्तरवर्षीय तुकारामासी जाण/
देऊनिया प्रेमभरे अशिर्वचन//
मुल तयां दिधले सत्वरी/
तुजवीण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//९//
भेद रहित जगण्याचा देऊन उपदेश/
मच्छलेंच्छा मकदउम अली फौजदारास//
तेलासमजळा पेटवलंमजस कृती न्यारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//१०//
कोरड्या विहिरीस जळआणून/
उसळते पाऊस थांबला आज्ञापुन//
ऐसे तुम्ही धीर गंभीर मुसळधारी/
तुजविण शेषनाथ समर्थ
माझं कोण तारी//११//
मेघा क्षणां भितरी अज्ञापून/
वर्षावला तुम्ही पाणीच पाणी//
तू योग मूर्ती ध्यान गुंहाविहारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//१२//
गज मस्ती बोलानी शमविलीस/
अज्ञान जीवा चिरचैतन्य ज्ञान चेतविलिस//
दत्तारामजी महंता समक्ष माहुरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
माझ्या कोण तारी//१३//
रंकाचा देखुनी भक्ती भाव/
तया केलासी रंकाचा राव//
चिंतने चिंतामणी चिंता हरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
माझं कोण तारी//१४//
काय वर्णु तूवां महिमा/
संन्याशासीं दिधला गृहस्थाश्रमा//
बालका बनविला संन्याशी सत्वरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//१५//
राजे निजाम दरबारी शिष्टाई करून/
नसीमखाना जहागीर दिधली जाण//
तयांचा भाव जाणुनिया अंतरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//१६//
नृपती उस्मानअली निजामा जाण/
पुढील भविष्य केले कथन//
वृथा समजून क्लेश भोगले अंतरी/
तुज विण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//१७//
देवी ग्रस्त देखून बालिकेंसी/
कळवळला स्वामी तुम्ही मनाशी//
भांड म्हैस केले दुभती सत्वरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
माझं कोण तारी//१८//
तवं कृपे कुणा सुविध्या लाभली/
कुणां संपत्ती संतती लाभली//
एकचित्ते स्मरता तुज भवताप हरी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण  तारी//१९//
नाथा तव गुणगान सरेना/
कैवल्य चिंतामणी रूप कळेना//
योगीराज त्रिकालज्ञानी दक्ष भारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मज कोण तारी//२०//
चिरचैतन्यमय शेषनाथ नामी/
एकांती या हो गुरुराज स्वामी//
शेषुं सिनला बहुत भारी/
तुजविण शेषनाथ समर्था
मजा कोण तारी// २१//
*********

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button